ध्यान क्या है और इसके कितने प्रकार है ?
ध्यान एक योगिक अभ्यास है जिसमें मन को एकाग्र करके संयमित रूप से ध्येय वस्तु पर लगाने का काम किया जाता है। यह एक शांत, निश्चल और अविचलित मन की स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति अपनी चेतना को एक निश्चित बिन्दु या विषय पर स्थिर करता है। ध्यान में व्यक्ति अपने मन की चंचलता को नियंत्रित करके आत्मसाक्षात्कार, स्वयंविकास और आंतरिक शांति को प्राप्त करने का प्रयास करता है।
ध्यान के प्रकार निम्नलिखित हो सकते हैं:
शमथ ध्यान (शांति ध्यान):
यह ध्यान की प्राथमिक और मूल विधि है। इसमें ध्याता को मन को एक स्थिर बिन्दु पर स्थानित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। शांति ध्यान में मन की चंचलता को नियंत्रित करने के लिए आमतौर पर किसी विशेष विषय या ध्येय का उपयोग किया जाता है।
विपश्याना ध्यान (अवलोकन ध्यान):
इस प्रकार के ध्यान में ध्याता अपने मन की गतिविधियों, विचारों, भावनाओं और अनुभूतियों को देखता है और उन्हें एक उदासीन नजरिए से देखने का प्रयास करता है। इसमें संवेदनशीलता, सहजता और समता विकसित होती है।
ज्ञान ध्यान (आत्म-ज्ञान ध्यान):
इस प्रकार के ध्यान में ध्याता आत्मा की सत्यता को पहचानने का प्रयास करता है। यह ध्यान आत्म-परिचय, आत्म-साक्षात्कार और आत्मानुभव की ओर अग्रसर होने का माध्यम होता है।
सहज समाधि (सहज ध्यान):
इसमें ध्याता को अपने स्वभाविक और नीरस अवस्था के अनुभव को एकीकृत करने का प्रयास किया जाता है। यह ध्यान समृद्धता, पूर्णता और एकता की अनुभूति को देखने और प्राप्त करने का माध्यम होता है।
ये ध्यान के कुछ प्रमुख प्रकार हैं, हालांकि ध्यान की अनेक अन्य प्रकार भी हो सकते हैं, जो भिन्न योगिक प्रथाओं और धारणा प्रणालियों से जुड़े हो सकते हैं।
धन्यवाद!
लेख@अम्बिका_राही
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