प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Tuesday, February 9, 2021

राहत इंदौरी का जीवन परिचय और रचनाएं | Rahat Indori Biography and Poetry in Hindi

 राहत इंदौरी का जीवन परिचय और रचनाएं | Rahat Indori Biography and Poetry in Hindi


आपका  का जन्म इंदौर में 1 जनवरी 1950 में हुआ था। आप के पिता कपड़ा मिल के कर्मचारी थे।  पिताजी का नाम रफ्तुल्लाह कुरैशी और माताजी का नाम मकबूल उन निशा बेगम था।

आप  चौथी संतान थे। आपकी  प्रारंभिक शिक्षा इंदौर में हुई। आपने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में स्नातक तक की शिक्षा ली और 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एम.ए किया। उसके बाद 1985 में मध्य प्रदेश के भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

उर्दू मुख्य मुशायरा नामक आपकी  थीसिस के लिए आपको  सम्मानित भी किया गया था।


आप  का वास्तविक नाम राहत कुरैशी था। आपने शुरुआती दौर में इंद्रकुमार कॉलेज, इंदौर में उर्दू साहित्य का अध्यापन कार्य शुरू कर दिया। आप एक अच्छे गुरू थे। 


इसी बीच में आप मुशायरों में बहुत व्यस्त हो गए।  पूरे भारत और विदेशों से निमंत्रण आने लगे।  उर्दू साहित्य की दुनिया में आपका एक अहम स्थान है।  आप पढ़ाई के साथ-साथ आप एक अच्छे खिलाडी थे।  स्कूल और कॉलेज के दिनों में फुटबॉल और हॉकी टीम के कप्तान भी रहे।


19 वर्ष की आयु में आप पहली  बार मुशायरा में सामिल होकर लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे, उसके बाद आपने पीछे मुड़ कर नहीं देखा, लोग आपके शायरी के दीवाने इस कदर हुए की सब के जुबान पर आपके शायरी के शब्द सुनने को मिल जाता है, आपका एक फेमस शायरी है  " बुलाती है मगर जाने का नहीं " वायरल हो गया था  इसके बाद तो पूरा विश्व आपके दीवानी हो गयी ।


परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण आपका बचपन काफी मुश्किलों भरा रहा। राहत को अपने ही शहर में एक साइन-चित्रकार के रूप में 10 वर्ष से भी कम आयु में काम करना शुरू कर दिया था। आप अपनी प्रतिभा से जल्द ही एक फेमस साइन चित्रकार के रूप में लोगों के दिलों में जगह बना लिए थे | आपकी साइन बोर्ड आज भी देखने को मिल जाते है |


आप की हिंदी पुस्तकें 


कलंदर, राहत साहब, रुत राहत इन्दौरी, दो कदम और राही, मेरे बाद, धूप बहुत है, मौजूद, नाराज़ 


निधन


10 अगस्त २०२० को  कोरोना से संक्रमित होने पर आपको इंदौर के अरबिंदो अस्तपाल में भर्ती करवाया गया था जहां दिल का दौरा पड़ने से 11 अगस्त 2020 को आपने इस दुनिया से रुखसत हो गए ।

मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है |

हमारे इस पोस्ट को पढ़ने के लिए हम आपका आभार व्यक्त करते है | इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा Facebook, Whatsapp जैसे सोशल मिडिया पर जरूर शेयर करें | धन्यवाद  !!!


www.poemgazalshayari.in

No comments:

Post a Comment

Most common error for all creator across YouTube platform

Most common error for all creator across YouTube platform  Content:  Creating YouTube account  Creating handle  Linking AdSense account  Ide...