गोपालदास ‘नीरज’ का जीवन परिचय | Gopaldas Neeraj Biography in Hindi
गोपालदास ‘नीरज’ का जन्म 4 जनवरी 1925 को ग्राम पुरावली जिला इटावा (उत्तर प्रदेश) में हुआ।
आप के पिताजी का नाम ब्रजकिशोर सक्सेना है, जो आप के ६ वर्ष के उम्र में ही आप को छोड़ कर इस दुनिया से चले गए | और आपने कई वर्षो तक टाइपिस्ट का काम किया, आपने प्राइवेट परीक्षाओं के द्वारा अपनी शिक्षा पूरी की, हिंदी साहित्य से ऍम ऐ १९५३ करने के बाद, सबसे ज्यादा हिंदी गीत लिखने के लिए लगातार तीन बार आपको फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया|
हिन्दी गीतों का पर्यायवाची बन चुके नीरज महाविद्यालय में प्राध्यापक भी रहे ।
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने उन्हें हिन्दी की वीणा का नाम दिया था।
नीरज जब मंच पर झूम कर काव्यपाठ करते हैं तो श्रोताओं मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
गीतकार व कवि गोपालदास 'नीरज' का 19 जुलाई की सांय दिल्ली के एम्स हास्पिटल में देहांत हो गया।
आप की रचनाये हमेशा अमर रहेंगी जैसे " अब तुम्हारा प्यार भी मुझको बही स्वीकार प्रेयसी " ऐसे बहुत सी रचनाये आपके चाहने वाले हमेसा गुनगुनाते रहेंगे |
मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है |
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