रामधारी सिंह दिनकर | Ramdhari Singh Dinkar
हिंदी के प्रमुख लेखक कवि , निबंधकार, व आधुनिक युग के प्रसिद्ध वीर रस के रचनाकार रामधारी सिंह "दिनकर" का जन्म बिहार के बेगुसराय जिले के सिमरिया गांव में
२३ सितम्बर १९०८ को हुआ था |
आपने पटना विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा पूरी की, आपको संस्कृत, बांग्ला , अंग्रेजी, और उर्दू भाषाओं का अच्छा ज्ञान था |
स्नातक के बाद आप आपने अध्यापन की ओर अग्रसर हुए, फिर आगे बढ़ते चले गए, आपने भागलपुर विश्विद्यालय में उपकुलपति तथा बाद में भारत सरकार के हिंदी सलाहकार के पद पर नियुक्त हुए |
आप वैसे तो शांत रहते थे लेकिन जब बात देश प्रेम की हो तो आपका खून खौल उठता था, और आप टिप्पणी करने से पीछे नहीं हटते थे |
आप कई वर्षो तक राजनितिक सदस्य भी रहे |
आपकी प्रसिद्ध रचना "संस्कृत के चार अध्याय" के लिए आपको १९५९ में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया, और श्रंगारिक रचना उर्वशी के लिए आपको ज्ञान पीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया |
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा राजेंद्र प्रसाद द्वारा १९५९ में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया |
२४ अप्रेल १९७४ को आप इस धरा को छोड़ कर स्वर्ग में स्थान ले लिया |
मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है |
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