फणीश्वरनाथ रेणु जीवन परिचय | Phanishwar Nath Renu HindiBiography
फणीश्वर नाथ रेणु का जन्म 4 मार्च 1921 को औराडी हिंगन्ना, फारविसगंज जिला पूर्णियां, बिहार में हुआ। आप के शिक्षा भारत और नेपाल में हुई | आप एक हिंदी भाषा के साहित्यकार है |
आप का बिहार के कटिहार से गहरा सम्बन्ध रहा है | आपकी पत्नी का नाम रेखा रेणु था जिनका मायका कटिहार के महमदिया ग्राम में था |
आप की दो पुत्रियों के नाम कविता राय और वहीदा राय इन दोनों की शादी मह्मदिया के कवैया ग्राम में हुई |
आपने इंटर की शिक्षा काशी हिंदी विश्वविद्यालय से पूरी होने के बाद , 1942 के भारत-छोड़ो आंन्दोलन में कूद पड़े । 1950 में नेपाली दमनकारी रणसत्ता के विरूद्ध सशस्त्र क्रांति के सूत्रधार रहे ।
1954 में 'मैला आँचल' उपन्यास प्रकाशित हुआ जिसमें आपको बहुत प्रतिष्ठा मिली।
देहांत: 11 अप्रैल, 1977 को पटना में अंतिम सांस ली।
कहानी संग्रह: ठुमरी १९५९ , अग्निख़ोर१९७३ , आदिम रात्रि की महक१९६७ , एक श्रावणी दोपहरी की धूप १९८४ , अच्छे आदमी १९८६ ।
उपन्यास: आपके उपन्यास क्रमवार कुछ इस प्रकार है मैला आंचल १९५४, परती परिकथा १९५७,जुलुस, दीर्घतपा १९६४, कितने चौराहे १९६६, कलंक मुक्ति १९७२, पलटू बाबु रोड १९७९ ।
संस्मरण: ऋणजल--धनजल, वन तुलसी की गन्ध, श्रुत अश्रुत पूर्व।
प्रसिद्ध कहानिया: मारे गए गुलफाम (तीसरी कसम), एक आदिम रात्रि की महक, लाल पान की बेगम, पंच लाइट, तबे एकला चलो रे, ठेस , संवदिया आपके तीसरी कसम उपन्यास पर फिल्म भी बन चुकी है जिसमें राजकपूर और वहीदा रहमान मुख्य किरदार थे |
मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है |
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