तेरे हीं भुजान पर भूतल को भार,
कहिबे को सेसनाग दिननाग हिमाचल है.
तरो अवतार जम पोसन करन हार,
कछु करतार को न तो मधि अम्ल है.
सहित में सरजा समत्थ सिवराज कवि,
भूषण कहत जीवो तेरोई सफल है.
तेरो करबाल करै म्लेच्छन को काल बिनु,
काज होत काल बदनाम धरातल है.
- भूषण - Bhushan
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