बाने फहराने घहराने घंटा गजन के,
नाहीं ठहराने राव राने देस-देस के.
नग भहराने ग्राम नगर पराने सुनि,
बाजत निशने सिवराज जू नरेस के.
हाथिन के हौदा उकसाने ,कुम्भ कुंजर के,
भौन को भजाने अलि छूटे लट केस के.
दल को दरारेन ते कमठ करारे फूटे,
कर के से पात बिहराने फन सेस के
- भूषण - Bhushan
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