जो गिर गया इस जहाँ की नज़र से
देखो उसे कभी इक माँ की नज़र से
ओ माँ तुझे सलाम
अपने बच्चे तुझको प्यारे रावण हो या राम
बच्चे तुझे सताते हैं, बरसों तुझे रूलाते हैं
दूध तो क्या अँसुअन की भी क़ीमत नहीं चुकाते हैं
हँसकर माफ़ तू कर देती है उनके दोष तमाम
ऐ माँ तुझे सलाम
ऐसा नटखट था घनश्याम, तंग था सारा गोकुलधाम
मगर यशोदा कहती थी, झूठे हैं ये लोग तमाम
मेरे लाल को करते हैं सारे यूँ ही बदनाम
ओ माँ तुझे सलाम
तेरा दिल तड़प उठा, जैसे तेरी जान गई
इतनी देर से रूठी थी, कितनी जल्दी मान गयी
अपने लाडले के मुँह से सुनते ही अपना नाम
ओ माँ तुझे सलाम
सात समंदर सा तेरा, इक इक आँसू होता है
कोई माँ जब रोती है, तो भगवान भी रोता है
प्यार ही प्यार है, दर्द ही दर्द है, ममता जिसका नाम
ओ माँ तुझे सलाम
- आनंद बख्शी- Anand Bakshi
#www.poemgazalshayari.in
poem, gazal, shayari, hindi kavita, love shayari, anand bakshi, lyrics, guljar, gulzar,
Please Subscribe to our youtube channel
https://www.youtube.com/channel/UCdwBibOoeD8E-QbZQnlwpng
No comments:
Post a Comment