एक बंजारा गाए, जीवन के गीत सुनाए
हम सब जीने वालों को जीने की राह बताए
ज़माने वालो किताब-ए-ग़म में
खुशी का कोई फ़साना ढूँढो
हो ओ ओ ओ ... आँखों में आँसू भी आए
वो आकर मुस्काए
सभी को देखो नहीं होता है
नसीबा रौशन सितारों जैसा
सयाना वो है जो पतझड़ में भी
सजा ले गुलशन बहारों जैसा
हो ओ ओ ओ ... कागज़ के फूलों को भी
जो महका कर दिखलाए
- आनंद बख्शी- Anand Bakshi
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