या मोहन के रूप लुभानी।
सुंदर बदन कमलदल लोचन, बांकी चितवन मंद मुसकानी॥
जमना के नीरे तीरे धेनु चरावै, बंसी में गावै मीठी बानी।
तन मन धन गिरधर पर बारूं, चरणकंवल मीरा लपटानी॥
शब्दार्थ :- दल =पंखुड़ी। बांकी =टेढ़ी। नीरे =निकट।
- मीराबाई- Meera Bai
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