रंगेलो राणो कई करसो मारो राज्य।
हूं तो छांडी छांडी कुलनी लाज॥ध्रु०॥
पग बांधीनें घुंगरा हातमों छीनी सतार।
आपने ठाकूरजीके मंदिर नाचुं वो हरी जागे दिनानाथ
॥ रंगेलो०॥१॥
बिखको प्यालो राणाजीने भेजो कैं दिजे मिराबाई हात।
कर चरणामृत पीगई मीराबाई ठाकुरको प्रसाद॥ रंगेलो०॥२॥
सापरो पेटारो राणाजीनें भेजों दासाजीने हात।
सापरो उपाडीनें गलामों डारयो हो गयो चंदन हार।
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर तूं मारो भरतार॥ रंगेलो०॥३॥
- मीराबाई- Meera Bai
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