मनुवा बाबारे सुमरले मन सिताराम॥ध्रु०॥
बडे बडे भूपती सुलतान उनके। डेरे भय मैदान॥१॥
लंकाके रावण कालने खाया। तूं क्या है कंगाल॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर लाल। भज गोपाल त्यज जंजाल॥३॥
- मीराबाई- Meera Bai
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