जोसीड़ा ने लाख बधाई रे अब घर आये स्याम॥
आज आनंद उमंगि भयो है जीव लहै सुखधाम।
पांच सखी मिलि पीव परसिकैं आनंद ठामूं ठाम॥
बिसरि गयो दुख निरखि पियाकूं, सुफल मनोरथ काम।
मीराके सुखसागर स्वामी भवन गवन कियो राम॥
शब्दार्थ :- जोसीड़ा = ज्योतिषी। पांच सखी = पांच ज्ञानेन्द्रियों से आशय है। ठां =जगह। सुफल पूरी हुई। राम =प्रियतम, स्वामी से आशय है।
- मीराबाई- Meera Bai
#www.poemgazalshayari.in
||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||
Please Subscribe to our youtube channel
https://www.youtube.com/channel/UCdwBibOoeD8E-QbZQnlwpng
No comments:
Post a Comment