डर गयोरी मन मोहनपास। डर गयोरी मन मोहनपास॥१॥
बीरहा दुबारा मैं तो बन बन दौरी। प्राण त्यजुगी करवत लेवगी काशी॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। हरिचरणकी दासी॥३॥
- मीराबाई- Meera Bai
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