तू सो जा, हां सो जा, मेरी लाडली,
मेरे घर की बगिया की नन्ही कली!
सपनों की दुनिया पुकारे तुझे,
वो दुनिया बड़ी ही सुहानी-भली।
परियों के बच्चों के संग खेलना,
तू भी उनके जैसी है नाजों-पली।
नयन मूंद झट से, न अब बात कर,
सोया शहर, सोई है हर गली!
- उषा यादव- Usha Yadav
#www.poemgazalshayari.in
||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||
No comments:
Post a Comment