प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Friday, June 5, 2020

भरे जंगल के बीचो बीच - bhare jangal ke beecho beech -- नरेन्द्र शर्मा - Narendra Sharma #www.poemgazalshayari.in

भरे जंगल के बीचो बीच,
न कोई आया गया जहां,
चलो हम दोनों चलें वहां।

जहां दिन भर महुआ पर झूल,
रात को चू पड़ते हैं फूल,
बांस के झुरमुट में चुपचाप,
जहां सोये नदियों के कूल;
  
हरे जंगल के बीचो बीच,
न कोई आया गया जहां,
चलो हम दोनों चलें वहां।

विहंग मृग का ही जहां निवास,
जहां अपने धरती आकाश,
प्रकृति का हो हर कोई दास,
न हो पर इसका कुछ आभास,
  
खरे जंगल के के बीचो बीच,
न कोई आया गया जहां,
चलो हम दोनों चलें वहां।

- नरेन्द्र शर्मा - Narendra Sharma
#www.poemgazalshayari.in

No comments:

Post a Comment

विंडोज आउटलुक के लाभ और नुकसान | विंडोज कंप्यूटर में मल्टी ईमेल सेटअप

 विंडोज आउटलुक के लाभ और नुकसान | विंडोज कंप्यूटर में मल्टी ईमेल सेटअप विंडोज आउटलुक के लाभ और नुकसान विंडोज आउटलुक के लाभ माइक्रोसॉफ्ट इकोस...