प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Wednesday, June 17, 2020

अहो देव तेरी अमित महिमां, महादैवी माया - aho dev teree amit mahimaan, mahaadaivee maaya -- रैदास- Raidas #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

अहो देव तेरी अमित महिमां, महादैवी माया।
मनुज दनुज बन दहन, कलि विष कलि किरत सबै समय समंन।।
निरबांन पद भुवन, नांम बिघनोघ पवन पात।। टेक।।
गरग उत्तम बांमदेव, विस्वामित्र ब्यास जमदंग्नि श्रिंगी ऋषि दुर्बासा।
मारकंडेय बालमीक भ्रिगु अंगिरा, कपिल बगदालिम सुकमातंम न्यासा।।१।।
अत्रिय अष्टाब्रक गुर गंजानन, अगस्ति पुलस्ति पारासुर सिव विधाता।
रिष जड़ भरथ सऊ भरिष, चिवनि बसिष्टि जिह्वनि ज्यागबलिक तव ध्यांनि राता।।२।।
ध्रू अंबरीक प्रहलाद नारद, बिदुर द्रोवणि अक्रूर पांडव सुदांमां।
भीषम उधव बभीषन चंद्रहास, बलि कलि भक्ति जुक्ति जयदेव नांमां।।३।।
गरुड़ हनूंमांनु मांन जनकात्मजा, जय बिजय द्रोपदी गिरि सुता श्री प्रचेता।
रुकमांगद अंगद बसदेव देवकी, अवर अमिनत भक्त कहूँ केता।।४।।
हे देव सेष सनकादि श्रुति भागवत, भारती स्तवत अनिवरत गुणर्दुबगेवं।
अकल अबिछन ब्यापक ब्रह्ममेक रस सुध चैतंनि पूरन मनेवं।।५।।
सरगुण निरगुण निरामय निरबिकार, हरि अज निरंजन बिमल अप्रमेवं।
प्रमात्मां प्रक्रिति पर प्रमुचित, सचिदांनंद गुर ग्यांन मेवं।।६।।
हे देव पवन पावक अवनि, जलधि जलधर तरंनि।
काल जाम मिृति ग्रह ब्याध्य बाधा, गज भुजंग भुवपाल।
ससि सक्र दिगपाल, आग्या अनुगत न मुचत मृजादा।।७।।
अभय बर ब्रिद प्रतंग्या सति संकल्प, हरि दुष्ट तारंन चरंन सरंन तेरैं।
दास रैदास यह काल ब्याकुल, त्राहि त्राहि अवर अवलंबन नहीं मेरैं।।



- रैदास- Raidas

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

No comments:

Post a Comment

HDD, SSD और NVME डिस्क ड्राइव में सबसे बेहतर कौन है ? Definition | परिभाषा

HDD, SSD और NVME डिस्क ड्राइव में सबसे बेहतर कौन है ? कंप्यूटर की सबसे महत्वपूर्ण क्षमताओं में से एक यह है कि वे हमें विश्वसनीयता के साथ बहु...