कोई एक नाम ज़रूर होगा
इस पेड़ का
मेरे लिए पेड़ सिर्फ़ एक पेड़ है
फूल सिर्फ़ एक फूल
रास्ते ने ओढ़ रखी है
पेड़ से झरते फूलों की चादर
मैं इस रस्ते पर चलता हूँ
कहाँ रखूँ अपने क़दम
काश! मैं ज़मीन से एक इंच भी ऊपर चल सकता
इन अनाम फूलों को बचा लेता
- गीत चतुर्वेदी - Geet Chaturvedi
#poemgazalshayari.in
No comments:
Post a Comment