बाल ठाकरे ! बाल ठाकरे !
कैसे फ़ासिस्टी प्रभुओं की --
गला रहा है दाल ठाकरे !
अबे सँभल जा, वो पहुँचा बाल ठाकरे !
सबने हाँ की, कौन ना करे !
छिप जा, मत तू उधर ताक रे !
शिव-सेना की वर्दी डाटे, जमा रहा लय-ताल ठाकरे !
सभी डर गए, बजा रहा है गाल ठाकरे !
गूँज रहीं सह्याद्री घाटियाँ, मचा रहा भूचाल ठाकरे !
मन ही मन कहते राजा जी, जिये भला सौ साल ठाकरे !
चुप है कवि, डरता है शायद, खींच नहीं ले खाल ठाकरे !
कौन नहीं फँसता है देखें, बिछा चुका है जाल ठाकरे !
बाल ठाकरे ! बाल ठाकरे ! बाल ठाकरे ! बाल ठाकरे !
बर्बरता की ढाल ठाकरे !
प्रजातन्त्र का काल ठाकरे !
धन-पिशाच का इंगित पाकर, ऊँचा करता भाल ठाकरे !
चला पूछने मुसोलिनी से, अपने दिल का हाल ठाकरे !
बाल ठाकरे ! बाल ठाकरे ! बाल ठाकरे ! बाल ठाकरे !
- नागार्जुन - Nagarjuna
#poemgazalshayari.in
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