प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Saturday, February 15, 2020

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा - zindagee yoon huee basar tanha - गुलजार - Gulzar -Poem Gazal Shayari

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफिला साथ और सफ़र तन्हा

अपने साये से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा

रात भर बोलते हैं सन्नाटे
रात काटे कोई किधर तन्हा

दिन गुज़रता नहीं है लोगों में
रात होती नहीं बसर तन्हा

हमने दरवाज़े तक तो देखा था
फिर न जाने गए किधर तन्हा

गुलजार - Gulzar

-Poem Gazal Shayari

No comments:

Post a Comment

अपने नजदीकी डाकघर में आधार नामांकन और अपडेट के लिए आवेदन कैसे करें

 अपने नजदीकी डाकघर में आधार नामांकन और अपडेट के लिए आवेदन कैसे करें डाक विभाग (DoP) ने आधार नामांकन और अपडेट के लिए एक सेवा शुरू की है। भारत...