जाएँ तो जाएँ कहाँ
समझेगा कौन यहाँ दर्द भरे दिल की जुबाँ
जाएँ तो जाएँ कहाँ
मायूसियों का मजमा है जी में
क्या रह गया है इस ज़िन्दगी में
रुह में ग़म दिल में धुआँ
जाएँ तो जाएँ कहाँ
उनका भी ग़म है अपना भी ग़म है
अब दिल के बचने की उम्मीद कम है
एक किश्ती सौ तूफ़ाँ
जाएँ तो जाएँ कहाँ
-साहिर लुधियानवी - saahir ludhiyaanavee
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