अगर मुझे न मिली तुम तो मैं ये समझूँगा
कि दिल की राह से होकर ख़ुशी नहीं गुज़री
अगर मुझे न मिले तुम तो मैं ये समझूँगी
कि सिर्फ़ उम्र कटी ज़िंदगी नहीं गुज़री
फ़िज़ा में रंग नज़ारों में जान है तुमसे
मेरे लिए ये ज़मीं आसमान है तुमसे
ख़याल-ओ-ख़्वाब की दुनिया जवान है तुमसे,
अगर मुझे न मिले तुम तो मैं ये समझूँगी
कि ख़्वाब ख़्वाब रहे बेकसी नहीं गुज़री
अगर मुझे न मिली तुम तो मैं ये समझूँगा
कि दिल की राह से होकर ख़ुशी नहीं गुज़री
बड़े यक़ीन से मैंने ये हाथ माँगा है
मेरी वफ़ा ने हमेशा का साथ माँगा है
दिलों की प्यास ने आब-ए-हयात माँगा है
दिलों की प्यास ने आब-ए-हयात माँगा है
अगर मुझे न मिले तुम तो मैं ये समझूँगी
कि इंतज़ार की मुद्दत अभी नहीं गुज़री
अगर मुझे न मिले तुम तो मैं ये समझूँगी
कि सिर्फ़ उम्र कटी ज़िंदगी नहीं गुज़री
-साहिर लुधियानवी - saahir ludhiyaanavee
No comments:
Post a Comment