तू इस तरह से मेरी ज़िन्दगी में शामिल है
जहाँ भी जाऊँ ये लगता है तेरी महफ़िल है
हर एक फूल किसी याद-सा महकता है
तेरे ख़याल से जागी हुई फिजाएँ हैं
ये सब्ज़ पेड़ हैं या प्यार की दुआएँ हैं
तू पास हो के नहीं फिर भी तू मुक़ाबिल है
हर एक शय है मोहब्बत के नूर से रोशन
ये रोशनी जो ना हो ज़िन्दगी अधूरी है
राह-ए-वफ़ा में कोई हमसफ़र ज़रूरी है
ये रास्ता कहीं तनहा कटे तो मुश्किल है
- निदा फ़ाज़ली - Nida Fazli
No comments:
Post a Comment