सर पर बोझ अँधियारों का है मौला खैर
और सफ़र कोहसारों का है मौला खैर
दुशमन से तो टक्कर ली है सौ-सौ बार
सामना अबके यारों का है मौला खैर
इस दुनिया में तेरे बाद मेरे सर पर
साया रिश्तेदारों का है मौला खैर
दुनिया से बाहर भी निकलकर देख चुके
सब कुछ दुनियादारों का है मौला खैर
और क़यामत मेरे चराग़ों पर टूटी
झगड़ा चाँद-सितारों का है मौला खैर
Dr. Rahat “ indauri” - डॉ० राहत “इन्दौरी”
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