रुक गया है वो या चल रहा है हमको सब कुछ पता चल रहा है
उसने शादी भी की है किसी से और गावों में क्या चल रहा है
तेरा चुप रहना मेरे ज़ेहन में क्या बैठ गया
इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया
यूँ नहीं है कि फ़क़त मैं ही उसे चाहता हूँ
जो भी उस पेड़ की छाँव में गया बैठ गया
ये एक बात समझने में रात हो गई है
मैं उस से जीत गया हूँ कि मात हो गई है
Tahzeeb Hafi - तहज़ीब हाफ़ी
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