किसकी लगी नज़र......?
ज़िले को किसकी लगी नज़र...?
चीख-चीख कर यही कह रहा आज मुज़फ़्फ़र नगर..!!
जिस मिट्टी के प्यार का नग़्मा हर इक होठ पे पलता था.. ...
जिस मिट्टी पर सैंतालिस से अम्न का दीपक जलता था..!
जिसे चौधरी चरण ने अपने ख़ून से पाला-पोसा था..
जिसकी यकजहती पे मुनव्वर हसन को बड़ा भरोसा था..!
जहां बानबे के दंगों में अम्न बचा था ज़िंदा..
जिस मिट्टी पर कभी तिरंगा हुआ नहीं शर्मिंदा..
उसी ज़मीं पर आज सियासत जलवाती है घर..
यही कह रहा मुज़फ़्फ़र नगर.. ज़िले को किसकी लगी नज़र......
जहां कभी कल्याण देव ने ज्ञान का दीप जलाया..
जिसे नवाज़ुद्दीन ने अपनी ख़ुशबू से महकाया..
जिसके लियाक़त ने तो पाकिस्तान पे राज किया है..
उस मिट्टी को दंगों ने शर्मिंदा आज किया है..
जिस मिट्टी पर लिखी गई थी कभी बहिश्ती ज़ेवर
उस मिट्टी पर नेताओं के ये ज़हरीले तेवर..
डर है कहीं ये मिट्टी अब हो जाए ना बंज़र..
यही कह रहा मुज़फ़्फ़र नगर.. ज़िले को किसकी लगी नज़र...
Kiski Lagi nazar...!!?
Zile ko kiski Lagi nazar...???
Chikh-chikh kar yahi keh raha aaj muzaffarnagar...!!
jis mitti ke pyar ka nagma har aek ke honth pe palta tha....
jis mitti par seitalish (47) se aman ka dipak jalta tha.....!
jise choudhri charan ne apne khoon se pala-posa tha...
jiski yakjahati pe munvvar hasan ko bada bharosa tha.,..!!
jaha banve (92) ke dango me aman bacha tha zinda....
jis mitti par kabhi tiranga haa nahi sharminda.....
usi zami par aaj siyasat jalwati hai ghar..
yahi keh raha muzaffarnagar...Zile ko kiski lagi nazar.......
jahan kabhi kalyan dev ne ganan ka dip jalaya......
jise nawazunddin ne apni khusbu se mehnkaya ...
jiske liyaqat ne to pakistan pe raj kiya hai....!!
usi mitti ko dango ne sharminda aaj kiya hai..!!
jis mitti par likhi gai thi kabhi bahishti zewar..
us mitti par netaon ke ye zehrile tewar...!!
dar hai kahi ye mitti ab ho jaaye na banzar...
yahi keh raha hai muzafffarnagar... Zile ko kiski lagi nazar..!!
- Mohammad Imran "Prataparh" - मो० इमरान "प्रतापगढ़ी"
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